ऑपरेशन सिंदूर:- जानें सेना ने आतंकवाद के खिलाफ इन्ही जगहों को ही क्यों बनाया टार्गेट।
-
By Admin
Published - 07 May 2025 79 views
लखनऊ। पूरे देश में इस समय सेना के शौर्य की चर्चा और गर्व है। बुधवार को तड़के भारत ने समन्वय तरीके से ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें आतंक के वो अहम ठिकाने शामिल हैं, जो लंबे समय से आतंकियों की पनाहगाह बने हुए थे। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान में जिन नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया है, उनमें बहावलपुर, मुरीदके, चक अमरू, सियालकोट, भीमबेर, गुलपुर, कोटली, बाघ और मुजफ्फराबाद के इलाके शामिल हैं।
बहावलपुरः बहावलपुर पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब का इलाका है। भारतीय हमले में बहावलपुर मुख्य निशाना था। दरअसल बहावलपुर में ही आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का मुख्यालय है। भारत में कई आतंकी हमलों में जैश ए मोहम्मद की संलिप्तता रही है। साल 2001 में हुए संसद हमले और 2019 में हुए पुलवामा हमले में भी जैश का हाथ था। भारत ने बहावलपुर में जैश के ठिकाने मरकज शुभान अल्लाह को निशाना बनाया। मरकज में ही जैश के मुखिया मौलाना मसूद अजहर, मुफ्ती अब्दुल रउफ असगर, मौलाना अम्मार का घर भी है।

मुरीदके में मरकज तैयबा लश्कर का सबसे अहम केंद्र है। इसके अलावा लश्कर के नांगल, सहदान, शेखपुरा में भी लश्कर के ठिकाने हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2000 में मुरीदके में मरकज तैयबा के निर्माण के लिए खूंखार आंतकी ओसामा बिन लादेन ने एक करोड़ रुपये की मदद की थी। मरकज तैयबा में मस्जिद और एक गेस्ट हाउस भी है। मुंबई हमले में पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब की ट्रेनिंग भी मरकज तैयबा में ही हुई थी। इसके अलावा डेविड कोलमैन हेडली और फिलहाल भारत की गिरफ्त में मौजूद तहव्वुर हुसैन राणा ने भी मुरीदके का दौरा किया था। हाफिज सईद, जकी उर रहमान लखवी के घर भी मरकज तैयबा में ही मौजूद बताए जाते हैं।
गुलपुरः जम्मू कश्मीर में आतंकियों का लॉन्चपैड गुलपुर को ही माना जाता है। खासकर राजौरी और पुंछ इलाकों में होने वाली आतंकी घुसपैठ गुलपुर से ही होती है। भारतीय सुरक्षा बलों के काफिले पर हमलों को अंजाम देने के लिए अक्सर इस ठिकाने का इस्तेमाल किया जाता है।
सियालकोट का महमूना कैंप: सियालकोट में महमूना कैंप को भी निशाना बनाया गया है। महमूना कैंप हिजबुल मुजाहिदीन का ठिकाना था। हिजबुल मुजाहिदीन हाल के वर्षों में कमजोर हुआ है, लेकिन अभी भी इसकी स्थानीय नेटवर्क पर पकड़ है।
सरजाल और बरनालाः अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मौजूद ये इलाके भी कश्मीर में आतंकी घुसपैठ के लॉन्चपैड माने जाते हैं।
सम्बंधित खबरें
-
जौनपुर। 11 जून 2025 को महाविद्यालय के समस्याओं को लेकर स्ववित्तपोषित प्रबंधक महासंघ पूर्वांचल विश्वव
-
तेजी बाजार (जौनपुर)।बड़ा मंगल के अवसर पर मरगूपुर हनुमान मंदिर पर आयोजित भंडारा कार्यक्रम में लोगों
-
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने जन्मदिन पर शुभकामनाओं के लिए सभी का हृदयतल से आभार जत
-
जौनपुर।. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में राज भवन के दिशा- निर्देश पर अंतर्राष्ट्रीय योग