प्राचीन शिक्षा पद्धति में प्राप्तांको के आधार पर नहीं बल्कि प्रतिभा को समझने एवं निखारने का शिक्षक प्रयास करते थे:- प्रोफेसर अखिलेश्वर शुक्ल।

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