प्रेम साधना नहीं स्वयं समाधि हैं : -आचार्य बसंत शुक्ल।
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By Admin
Published - 25 May 2025 25 views
जौनपुर। 25 मई 2025 , रविवार को जनपद के रामपुर नद्दी स्थित ग्राम सभा में हो रही श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस पर व्यासपीठ से आचार्य बसंत शुक्ल ने कहा कि , प्रेम साधना नहीं स्वयं समाधि हैं। आगे कहा कि कलियुग का प्रवेश शराब,जुए,मांस, स्वर्ण आदि में हुआ। यही मानव मन को भटकाने में काफ़ी हैं। परीक्षित को सात दिन में मरने का शाप मिला। सचमुच प्रत्येक व्यक्ति सात दिन सोमवार से रविवार में ही मृत्यु को प्राप्त होता है।
यजमान राजकुमारी देवी धर्मपत्नी चंद्रभान तिवारी ने सपरिवार तृतीय दिवस की कथा श्रवण किया।
कथा में पं. ओंकार नाथ मिश्र, अशोक मिश्र, अनिल ओझा, बालमुकुंद ओझा, कैप्टन कृष्णानंद तिवारी, देवभूषण तिवारी, विजय शंकर मिश्र, संतोष तिवारी,बागीश्वर प्रसाद तिवारी, धनेश्वर प्रसाद तिवारी, सुशील चंद्र मिश्र, राजेन्द्र मिश्र, अरविंद मिश्र, बटेश्वर नाथ मिश्र, डाक्टर कौशल श्रीवास्तव,रीता तिवारी, विजय शंकर तिवारी, प्रधानाध्यापक राधे मोहन तिवारी, निहाल सिंह, भोलानाथ सिंह, प्रोफेसर अरविंद कुमार सिंह, विजय तिवारी, ज्ञान प्रकाश तिवारी, श्याम कुमार यादव, बाबा यादव, गौरीशंकर यादव,ज्योति तिवारी, बीना तिवारी, प्रभा शंकर तिवारी, नीरज तिवारी, आकाश तिवारी प्रबुद्ध श्रोता उपस्थित रहे।
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