अहिल्याबाई का जीवन सदैव प्रेरणादायी रहा है उन्हें एक वीरांगना और शासक के साथ सामाजिक सुधारक के रूप में याद किया जाता है : -अरुण सिंह।
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By Admin
Published - 20 May 2025 17 views
जौनपुर। होलकर वंश की वीरांगना रानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी जौनपुर मे एक संगोष्ठी होटल रिवर व्यू मे आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने की। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य अरुण सिंह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए । कार्यक्रम का शुभारंभ रानी अहिल्याबाई होलकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। मुख्य अतिथि अरुण सिंह को राज्य मंत्री स्वतन्त्र प्रभार गिरीश चंद यादव एव जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किये। कार्यक्रम का संचालन सुशील मिश्र ने किया ।
मुख्य अतिथि अरुण सिंह ने बताया कि रानी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन देश के लिए सदैव प्रेरणादायी रहा है उन्हें एक वीरांगना और शासक के साथ सामाजिक सुधारक के रूप में याद किया जाता है उन्होंने न केवल एक बड़े भूभाग पर शानदार शासन किया बल्कि पूरे भारतवर्ष में घूम-घूम धार्मिक एवं समाज सुधार के अनगिनत कार्यों को पूरा किया।
उन्होंने आगे बताया कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, काशी विश्वनाथ आदि तमाम धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार एवं मंदिरों के निर्माण में अहिल्याबाई होल्कर का महत्वपूर्ण योगदान रहा ऐसे में भारतीय जनता पार्टी उनकी 300 वीं जयंती को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से देशभर में जन सहयोग से मना रही है और जन जन तक उनके कार्यों को भी पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने इतने सालों में अहिल्याबाई जैसी महान विभूतियों को याद तक नहीं किया उसका सम्मान नहीं किया, लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसको लेकर सोचा और देश भर में कार्यक्रम किया जा रहा है।
विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल ने बताया कि 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चोंडी गाँव में जन्मी अहिल्याबाई होलकर एक साधारण परिवार से थीं उनके पिता मनकोजी राव शिंदे गांव के मुखिया थे एक युवा लड़की के रूप में उनकी सादगी और सुचरित्र के संयोजन ने मालवा क्षेत्र के राजा मल्हार राव होलकर का ध्यान उनकी ओर आकर्षित किया। वे युवा अहिल्या से इतने प्रभावित थे कि 1733 में जब वे मुश्किल से आठ साल की भी नहीं हुई थीं, तब उन्होंने उनका विवाह अपने बेटे खंडेराव होलकर से करवा दिया।
राज्य मंत्री स्वतन्त्र प्रभार गिरीश चंद यादव ने बताया कि अहिल्याबाई होल्कर की जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेशभर में विविध कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है अहिल्याबाई के त्याग, सेवा, न्यायप्रियता और समाज कल्याण के कार्यों को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया
जा रहा है और उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। वह एक बहुत ही योग्य शासक और प्रबंधक थीं जिन्हें अपने जीवनकाल में बहुत सम्मान प्राप्त हुआ उनकी मृत्यु के बाद कृतज्ञ लोगों द्वारा उन्हें एक संत के रूप में माना गया।
क्षेत्रीय महामंत्री अशोक चौरसिया ने बताया कि होलकर वंश की महान शासिका रानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती को विशेष रूप से स्मरणीय बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी 21 से 31 मई तक पूरे प्रदेश में विशेष अभियान चलाया जायेगा इस अभियान के जरिए न सिर्फ अहिल्याबाई की धार्मिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक विरासत को जनता के बीच प्रस्तुत करना है बल्कि केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और महिला सशक्तिकरण की उपलब्धियों को भी उजागर करना है।
बैठक में अहित्याबाई होल्कर की जयंती कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई। जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने बताया कि 300 वीं जयंती को देशभर में प्रमुखता से मनाए जाने का कार्यक्रम पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से जारी किया गया है। पुण्य श्लोका अहिल्याबाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ से लेकर के सोमनाथ तक कई मंदिरों का जिर्णोद्धार कराया। प्राचीनता और आधुनिकता का जो संगम उनके जीवन में था, आज देश उसे आदर्श मानकर आगे बढ़ रहा है।
राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी ने बताया कि इस अभियान के दौरान प्रदेश भर में महिला जनसंवाद, प्रतियोगिताएं और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे पार्टी कार्यकर्ता रानी अहिल्याबाई के न्यायप्रिय प्रशासन, मंदिरों के जीर्णोद्धार, धार्मिक-सांस्कृतिक उत्थान और उनके दूरदर्शी नेतृत्व को आम जनता तक पहुंचाएंगे साथ ही, इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार के "विकास भी, विरासत भी" के सिद्धांत को भी प्रचारित किया जाएगा।
विधायक रमेश सिंह ने कहा कि वीरता और मूल्यों की रानी देवी पुण्य श्लोका अहिल्याबाई होल्कर ने सांस्कृतिक पुनर्जागरण के साथ-साथ गरीब, दलित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों के कल्याण के लिए जो नीतियां बनाई हैं वह आदर्श और प्रेरणादाई हैं।
इसके उपरांत वह तिरंगा यात्रा में शामिल हुए उनके नेतृत्व में ही तिरंगा यात्रा निकाली गई तिरंगा यात्रा सद्भावना पुल से जोगियापुर होते हुए कलेक्टर कैंपस में स्थित शहीद स्तंभ पर पुष्पांजलि अर्पित कर समाप्त हुआ। उन्होंने तिरंगा यात्रा पर बोलते हुये कहा कि भारत ने सीमा पार हमलों को रोकने और उनका प्रतिरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग किया। यह कार्रवाई नपी-तुली और बिना उकसावे वाली रही। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद ही मोदीजी ने सेना को कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी थी ऑपरेशन सिंदूर बहुत सोच-समझकर किया गया है जल्दबाजी में नहीं किया गया है पाकिस्तान के घर में घुसकर मारें।
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